तन्हा कहाँ हूँ रास्ता तो है संग मेरे। यह राह जानिबे घर को छोड़ती है। तन्हा कहाँ हूँ रास्ता तो है संग मेरे। यह राह जानिबे घर को छोड़ती है।
वरना अमीर, नवाब जो न पा सके सुकून वो एक फकीर ने दे दी। वरना अमीर, नवाब जो न पा सके सुकून वो एक फकीर ने दे दी।
ऐसे मोहब्बत के आशिक के हम सताए हुए हैं। ऐसे मोहब्बत के आशिक के हम सताए हुए हैं।
खुद को वो खुदा समझने की भूल कर बैठे वक़्त की आँधियों में कौन ठहर पाता है। खुद को वो खुदा समझने की भूल कर बैठे वक़्त की आँधियों में कौन ठहर पाता है।